Thursday, 12 January 2017

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Purani se Purani Or Kathin se Kathin Kabj ka Rambaan Upchar | पुरानी से पुरानी और कठिन से कठिन कब्ज का रामबाण उपचार | Sovereign Remedy for the Oldest and Hardest Constipation

कब्ज ( Constipation )
कब्ज एक बहुत ही साधारण सी होने वाली बीमारी हैं. जीवन में कभी न कभी आपका भी सामना इस बीमारी से हुआ होगा. जवान हो या बुजुर्ग हर कोई कभी न कभी कब्ज से परेशान जरुर होता हैं. कब्ज हमारे असीमित खान पान और अप्राकृतिक विचारों की वजह से होती हैं. वैसे तो हमारा शरीर बहुत सी परेशानियों को अपने आप निपटा लेता हैं लेकिन जब इसी में अपने आप परेशानी आ जाती हैं तो यह उन परेशानियों को दूर नहीं कर पाता... 
Purani se Purani Or Kathin se Kathin Kabj ka Rambaan Upchar
Purani se Purani Or Kathin se Kathin Kabj ka Rambaan Upchar
इसी तरह जब हमारे शरीर में मल मूत्र ज्यादा मात्रा में इकट्ठा हो जाता हैं तो उसके निष्कासन में अवरोध उत्पन्न हो जाता है जिसके कारण वो मल मूत्र शरीर में ही इकट्ठा होकर सूखने लगता हैं. साथ ही ये मल मूत्र शरीर के रक्त के साथ मिल जाता हैं और फिर अन्य रोगों को जन्म देता हैं. मल के शरीर में सूखने और उसमें अवरोध की इसी प्रक्रिया को कब्ज कहते है. जिसका तुरंत उपचार करना आवश्यक है.

कब्ज होने के मुख्य कारण ( Reasons of constipation ) :
·         अप्राकृतिक और विचित्र जीवन शैली

·         कम रेशे वाले भोजन का सेवन करना

·         शरीर में पानी की कमी हो जाना

·         अगर आप कम चलते हैं और काम करते हैं

·         कुछ स्पेशल दवाइयों को लेना

·         बड़ी आंत में कैंसर हो जाना

·         थायरॉयड हार्मोन की कमी

·         कैल्शियम और पोटेशियम की कमी

·         मधुमेह के रोगियों में पाचन सम्बन्धी बीमारी का होना

·        
कब्ज अमाशय के परिवर्तन की ही एक अवस्था है. इसमें मल निष्काषित करने को परेशानी होने लगती हैं और इसमें मल कड़ा भी हो जाता हैं. कब्ज में मल की आवृति भी कम हो जाती हैं. इसमें मल निष्काषित करते समय ज्यादा बल का प्रयोग करना पड़ता हैं. सिर में दर्द और भारीपन होना कब्ज का एक लक्षण होता हैं. गैस, एसिडिटी, अजीर्ण, आदि लक्षण भी कब्ज के ही होते है.

कब्ज के उपचार के लिए ( Best Treatment for Constipation ) :
·         कब्ज के उपचार के लिए आपको रेशे से भरपूर भोजन का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें.

·         सुबह ब्रेकफास्ट में गेंहू का दलिया या कोई मौसमी फल ले सकते हैं.

·         दोपहर के लंच में हरी सब्जी का सेवन करे लेकिन उसमे भी मिर्च और मसालों का कम ही सेवन करें. साथ में सलाद और चोकर समेत आंटे से बनी रोटियों का सेवन करें.

·         शाम को 4 बजे के आस पास सब्जियों का 250 मिली. सूप लें.

·         डिनर में मिक्स सब्जियों वाला दलिया और कोई हरी सब्जी लें और साथ में ही चोकर और आटे की रोटी लें.

अन्य उपचार ( Other Treatments ) :
ताजे फलो का सेवन ( Eat Fresh Fruits ) :
·         ज्यादा से ज्यादा ताजे फल खाएं लेकिन ध्यान रखें कि सभी फलों को धो कर ही खाएं. सेब को तो आप धो कर छिलके सहित भी खा सकते हो. ज्यादा से ज्यादा पानी पियें. जिस भोजन में वसा की मात्रा ज्यादा हो उस भोजन को कम ही खाए.
चनें का उपयोग ( Use of Gram ) :
·         जो इंसान कब्ज के रोग से पीड़ित हैं उनके लिए चना बहुत ही उपयोगीं साबित होता हैं. चने को पानी में भीगा कर ही खाना चाहियें. अगर भीगे हुए चने को पचाने में आपको परेशानी हो रही हैं तो चने को उबाल लें तथा इसमें नमक और अदरक मिला लें और फिर इसका सेवन करें.

·         चने को पीस लें तथा उसके आटे से रोटियां बना लें क्योंकि चने के आटे की बनी रोटियां कब्ज को दूर करती हैं.

ईसबगोल तथा मिश्री से उपचार ( Use of Isbgol and Sugar ) :
·         2 चाय चम्मच ईसबगोल को 6 घंटे पानी में भिगाए और इसमें इतनी मात्रा में ही मिश्री मिला लें. इस मिश्रण को जल के साथ ग्रहण करें.

·         ईसबगोल और मिश्री को बिना भिगोयें भी प्रयोग में ले सकते हैं. पके हुए बेल के गुदे को पीने के पानी में मसल लें और फिर गुदे को पानी में मिला कर शरबत बना लें. इस शरबत को पीने से कब्ज दूर हो जाती हैं. यह शरबत आपकी आँतों का सारा मल भी बाहर निकाल लाता हैं.
आखिर कब्ज होती ही क्यों है
आखिर कब्ज होती ही क्यों है
काला नमक और हरड ( Black Salt and Hard ) :
·         काला नमक और छोटी हरड को एक जैसी मात्रा में मिला कर पीस लें. रोजाना रात को 2 चम्मच गर्म पानी से इसका सेवन करने से दस्त ठीक हो जाता हैं. निम्बू के रस को गर्म पानी के साथ मिला लें और रात में इसका सेवन करें. इससे दस्त बना किसी परेशानी के खुल कर आते हैं. 12 ग्राम पानी में नीबू का रस और शक्कर मिला लें. रात को इस मिश्रण को पीने से कुछ ही दिनों में पुरानी से पुरानी और बेकार कब्ज भी दूर हो जाते हैं.

नारंगी का सेवन ( Use Orange Juice ) :
·         सुबह ब्रेकफास्ट में नारंगी के रस का सेवन करें. इस फल का सेवन कुछ दिन लगातार करने से मॉल प्राकृतिक रूप में और बिना किसी परेशानी के आने लगता हैं. यह रस पाचन शक्ति भी बढती हैं.

अन्य उपाय ( Other Remedies ) :
·        मेथी के पत्ते ( Fenugreek Leaves ) : मैथी के पत्तो की सब्जी खाने से भी कब्ज दूर होती हैं. गेंहू के ज्वार का रस लेने से कब्ज भाग जाती हैं.

·        सौंफ ( Fennel ) : रात को सोते समय पीसी हुई सौंफ की फंकी आधा चम्मच लें. इसको गर्म पानी के साथ ही लेना चाहिये. इससे कब्ज दूर हो जाती हैं.
Kabj Hone Ke Pramukh Kaaran
Kabj Hone Ke Pramukh Kaaran
·        मुनक्का ( Raisins ) : 8 से 10 मुनक्का को दूध के साथ उबाल लें और इसके बीज निकाल कर खा लें. ये भी कब्ज को दूर भगाने में आपकी मदद करता हैं.

·        तांबे के बर्तन का पानी पियें ( Drink Water from Copper Vessels ) : रात को सोते समय तांबे के बर्तन में पानी रख कर सो जायें. सुबह उठकर उस तांबे के बर्तन के पानी का सेवन करे. कब्ज में राहत मिलेगी.

·        अजवायन ( Parsley ) : रात में आधी चम्मच अजवायन को गुड के साथ मिला कर सेवन करें. उपर से गुनगुना दूध भी पी लें.

·        एरंड का तेल ( Castor Oil ) : एरण्ड तेल में 2 से 4 काली और छोटी हरड को सेंक लें. इसको सुबह सुबह खाली पेट सेवन करें. कब्ज दूर होंगी.

·        गुलकंद ( Gulkand ) : गुनगुने दूध में गुलकंद मिला कर इसका सेवन करने से लाभ मिलता हैं.

·        टिंडा ( Ride Gourd ) : टिंडा तथा तोरई का प्रयोग भी कब्ज में राहत दिलाता हैं. लंच के बाद छाछ पिने से भी कब्ज दूर होंती हैं.

·        टमाटर ( Tomato ) : कब्ज दूर करने के लिए टमाटर अचूक दवा का कार्य करता हैं. टमाटर अमाशय, आँतों में जमा हुआ मल पदार्थ निकालने में मदद करता हैं. टमाटर ही अश्रीर के अंगों को चेतनता भी प्रदान करता हैं. यह शरीर के अंदरूनी अंगों को ताजगी और स्फूर्ति देता हैं.
Kaise Ruke Kabj ka Kabjaa
Kaise Ruke Kabj ka Kabjaa
·        पानी पियें ( Drink as Much Water as You Can ) : मुख्यतः शरीर में तरल की कमी से कब्ज का रोग शरीर में प्रवेश करता हैं. तरल की कमी से शरीर में मल सुख जाता हैं तथा मल निष्काशन में बल लगाना पड़ता हैं. कब्ज के रोगी को मौसम के अनुरूप दिन में 3 से 5 लीटर पानी अवश्य पीना चाहिये. इससे शरीर में पानी की कमी पर जोर पड़ता हैं और कब्ज का रोग दूर हो जाता हैं.

सावधानियाँ ( Precautions ) :
-    कब्ज के रोग में किसी भी प्रकार का रिफाइनरी तेल, और सोयाबीन, कपास, सुर्येमुखी, पाम, राइस ब्रान और वनस्पति घी का प्रयोग बहुत ही हानिकारक हैं. इनके स्थान पर मूंगफली, तिल, सरसों के तेल का ही प्रयोग करें.

-    चीनी शक्कर जैसी मीठी चीजों का सेवन न करें. उनके स्थान पर गुड, या खड़ी शक्कर का प्रयोग करें.

-    आयोडीन नमक से नपुंसकता होती हैं इसलिए उसके स्थान पर सेंधा नमक या ढेले वाले नमक का प्रयोग करें. पहले के लोग देशी नमक का सेवन किया करते थे इसलिए वो आज के लोगों से ज्यादा सेहतमंद हैं.

-    मैदा शरीर को हानि पहुंचाता है. इसलिए मैदे का प्रयोग भी तुरंत बंद कर दे